(NDTV)
भारत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बीच सरकारी तेल कंपनियां तेल के दाम नहीं बदल रही हैं. यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई शुरू होने के साथ ही मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गए. पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार स्थिर चल रहे हैं. कच्चा तेल बाजार यूक्रेन-रूस तनाव के बीच लगातार तेजी देख रहा है, लेकिन भारत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के बीच सरकारी तेल कंपनियां तेल के दाम नहीं बदल रही हैं. यूक्रेन पर रूस की सैन्य कार्रवाई शुरू होने के साथ ही मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गए. इसके बावजूद घरेलू स्तर पर पेट्रोल और डीजल के दाम पिछले कुछ महीनों की तरह लगातार स्थिर बने हुए हैं.
मंगलवार को ब्रेंट क्रूड की कीमत 99 डॉलर तक पहुंच गई थी, जो सात सालों यानी कि सितंबर, 2014 के बाद सबसे ऊंचा स्तर है. हालांकि, बुधवार को तेल में थोड़ी नरमी दिख रही है और यह 96 डॉलर के आसपास चल रहा था. वैसे देश में ऐसी संभावना जताई जा रही है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में तीव्र वृद्धि हो सकती है. पेट्रोलियम उत्पादों के लिए भारत के बड़े पैमाने पर आयात पर निर्भर होने से तेल आपूर्ति बाधित होने की आशंका है.