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सामान्य वर्ग के युवाओं के लिए 10 फीसदी आरक्षण सुरक्षित कराकर विपक्षी दलों पर मानसिक बढ़त बना चुकी भाजपा ने अब अगले कदम की तैयारी में है। पार्टी अपने शासन वाले तीन राज्यों हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में फिर से मोदी मैजिक के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने की जुगत भिड़ा रही है। इसके लिए इन तीनों राज्यों के विधानसभा चुनाव भी आगामी लोकसभा चुनावों के साथ ही कराए जा सकते हैं। इन तीनों राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल अक्तूबर से नवंबर के बीच खत्म हो रहा है।
भाजपा सूत्रों ने बताया कि झारखंड में झामुमो, राजद, कांग्रेस और झाविपा वाले विपक्षी महागठबंधन की तस्वीर करीब-करीब साफ हो चुकी है। इसके चलते पार्टी नेतृत्व वहां समय से पहले विधानसभा भंग कराकर लोकसभा के साथ ही दोनों चुनाव करा लेना चाहता है। राज्य इकाई ने भी अंतिम फैसला केंद्रीय नेतृत्व पर छोड़ दिया है, जिसने दोनों चुनाव एक साथ कराने की तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं।
हरियाणा विधानसभा का कार्यकाल इसी साल अक्टूबर में खत्म हो रहा है। वहां विपक्षी कांग्रेस में फैली जबरदस्त गुटबाजी और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) में दो फाड़ हो जाने से सियासी समीकरण बदल गए हैं, जिन्हें केंद्रीय नेतृत्व बड़ा मौका मान रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि 31 जनवरी को जींद विधानसभा सीट पर उपचुनाव के नतीजे आते ही हरियाणा में दोनों चुनाव एक साथ कराने पर अंतिम फैसला किया जाएगा। हालांकि इस उपचुनाव में हार या जीत से नेतृत्व के फैसले पर असर नहीं होगा, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व हालिया शहरी निकाय चुनाव में मिली सफलता का इस उपचुनाव में दोहराव होने या नहीं होने की बात परख लेना चाहता है।