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गुजरात चुनाव में कांग्रेस फिलहाल अकेली नजर आ रही है। अभी तक न तो किसी राजनीतिक दल यानी एनसीपी, जदयू के शरद यादव गुट के साथ समझौता हो पाया है। न ही सामाजिक आंदोलनों के सारथी बनकर उभरे नेताओं हार्दिक पटेल और जिग्रेश मेवाणी खुलकर समर्थन में आते दिख रहे हैं। हार्दिक पटेल और पाटीदार नेताओं ने पिछले तीन दिनों में जिस तरह टिकट को लेकर मारपीट की, उसने पार्टी नेताओं की मुसीबत बढ़ा दी है।
कांग्रेस महासचिव और गुजरात प्रदेश के प्रभारी अशोक गहलोत का कहना है कि एनसीपी और शरद यादव समर्थित जदयू के दरवाजे 27 नवंबर तक खुले हैं। बातचीत अभी चल रही है। कुछ सीटों पर समझौता भी हो सकता है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस उन्हें 9-10 सीटें ही देना चाहती है जबकि इन दलों की सूची लंबी है। हार्दिक पटेल को लेकर अशोक गहलोत ने चुप्पी साध ली है। उनका कहना है कि हार्दिक-जिग्नेश अपने तरीके से काम कर रहे हैं। उनका अपना एजेंडा है।