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पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा में जाटों सहित छह जातियों को पिछड़े वर्ग के तहत दिए गए आरक्षण के लाभ पर अपना फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने हरियाणा में जाट समेत 6 जातियों के आरक्षण पर लगी रोक को जारी रखा है। साथ ही हाईकोर्ट ने नेशनल बैकवर्ड कमीशन को 2018 तक रिपोर्ट देने को कहा है। यानि अब अब जाटों सहित छह जातियों को आरक्षण देने या नहीं देने का फैसला पिछड़ा वर्ग आयोग करेगा। जस्टिस एसएस सारों, जस्टिस लीजा गिल की खंडपीठ ने यह फ़ैसला सुनाया है।
हरियाणा सरकार को 30 नवंबर तक बैकवर्ड कमीशन को क्वांटिफेबल डाटा उपलब्ध करवाना होगा। 31 दिसंबर तक इस डाटा को लेकर आपत्तियां दर्ज की जा सकती है तथा 31 मार्च से पहले बैकवर्ड कमीशन को जाट आरक्षण पर निर्णय लेना होगा। हाईकोर्ट में इन आदेशों के साथ ही जाटों को आरक्षण देने या ना देने का फैसला बैकवर्ड कमीशन पर छोड़ दिया है।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की गिरफ़्तारी के बाद पंचकूला में हुई हिंसा को लेकर अभी भी हरियाणा के सीएम मनोहर लाल की जमकर आलोचना हो रही है। ऐसे में खट्टर के लिए एक बार फिर इम्तहान की घड़ी आ गई है। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि पिछले साल जाट आंदोलन के दौरान प्रदेश में भयंकर हिंसा हुई थी। इस आंदोलन में 30 लोगों की मौत हो गई थी। इतना ही नहीं जाटों की तरफ से विरोध-प्रदर्शनों के दौरान कई जगहों पर आगजनी की गई थी जिसमें अरबों रुपए की संपत्ति को बड़ा नुकसान पहुंचा था।