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भारत ने ट्रेड में हो रही अनियमितओं पर लगाम लगाने के उदेश्य से गोल्ड प्रोडक्ट्स, जिनकी शुद्धता 22 कैरेट से ऊपर है, के निर्यात को तुरंत प्रभाव से बैन कर दिया है। डाइरेक्टरट जनरल ऑफ फॉरेन ट्रेड ने एक नोटिस जारी किया है जिसमें 22 कैरेट से ऊपर की गोल्ड ज्वैलरी, कॉइन या मैडेलियन (पदक) के शिपमेंट को बैन कर दिया है। विभाग ने इस संबंध में कोई वजह स्पष्ट नहीं की है। यह जानकारी ब्लूमबर्ग में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार है।
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी केतन श्रॉफ ने कहा, “सरकार ने यह फैसला सोने के ट्रेड में अनियमितओं को कम करने के लिए लिया है। कुछ ट्रेडर्स भारत के कुछ देशों के साथ हुए व्यापार समझौते के आधार पर सोने का आयात कम टैक्स पर करते थे। इसके बाद इस सोने को दूसरे देशों को एक्सपोर्ट कर देते थे। इसी तरह गहनों और सिक्कों की राउंड ट्रिपिंग गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।” उन्होंने यह भी बताया कि इससे निर्यातकों को फायदा होगा। उन्हें मौजूदा गोल्ड पर लगने वाला 10 फीसद इंपोर्ट टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
माना जा रहा है कि सोने का भारतीय आयात बीते वर्ष की तुलना से दोगुना हो गया है। इसकी एक वजह दक्षिण कोरिया से सोने की खरीद में आई तेजी भी है। भारत और दक्षिण कोरिया के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट हुआ है। मार्च में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में गोल्ड मैडेलियन और कॉइन देश के कुल गेम्स एंड ज्वैलरी के निर्यात का 15 फीसद हिस्सा था। यह डेटा गेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल के अनुसार है।