कैग ने उप्र सरकार की बजट तैयारी और प्रबंधन पर उठाये सवाल

0

(DJ)

उप्र सरकार का बजट जमीनी हकीकत से दूर है। यही वजह है कि बजट अनुमान और असल में प्राप्त में होने वाले राजस्व/खर्चों में अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक (सीएजी) ने वर्ष 2016-17 के उप्र सरकार के वित्त पर अपनी रिपोर्ट में इस पर अंगुली उठायी है। यह रिपोर्ट बुधवार को विधानमंडल में पेश की गई।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2015-16 की तुलना में 2016-17 में राजस्व प्राप्तियों में 29799 करोड़ रुपये (13 प्रतिशत) की वृद्धि हुई जो बजट अनुमान से 24680 करोड़ रुपये कम है। राज्य में करों की असल प्राप्तियां बजट अनुमानों के सापेक्ष लगातार कम रहीं। वहीं राजस्व व्यय में 2015-16 के सापेक्ष 23856 करोड़ रुपये (11 प्रतिशत) का इजाफा हुआ। यह बजट अनुमान से 16763 करोड़ रुपये कम है। वहीं विकास और निर्माण कार्यों पर होने वाले पूंजीगत व्यय में 2015-16 के सापेक्ष 5366 करोड़ रुपये (आठ प्रतिशत) की बढ़ोतरी हुई। यह बजट अनुमान से 2089 करोड़ रुपये कम रही। सीएजी रिपोर्ट में राज्य सरकार से सिफारिश की गई है कि वित्त विभाग बजट तैयार करने की प्रक्रिया को और तर्कसंगत बनाए जिससे कि बजट अनुमान और असलियत के बीच लगातार बढ़ते अंतर को कम किया जा सके।

Share.

About Author

Twitter Auto Publish Powered By : XYZScripts.com