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प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष एवं नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबराय ने कहा है कि भ्रष्टाचार को खत्म करना और काले धन पर रोक लगाना रातोंरात नहीं हो सकता है लेकिन इसके लिए एक प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इसके अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं। जो इसकी आलोचना कर रहे हैं वे माने बैठे हैं कि यह सभी रोगों का इलाज है, लेकिन सरकार ने कभी यह दावा नहीं किया। प्रख्यात अर्थशास्त्री देबराय ने कहा कि नोटबंदी के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ किए गए उपायों के कारण ही बेनामी संपत्तियां जब्त की जा रही हैं।
आयकर विभाग सहित विभिन्न एजेंसियों के छापे पड़ रहे हैं। तीन लाख शेल कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। हालांकि उन्होंने इस बात पर अफसोस जाहिर किया कि कुछ लोग रेड लाइट के उल्लंघन में पकड़े जाने पर ट्रैफिक कांस्टेबल को रिश्वत देकर छूटने की कोशिश करते हैं और फिर भ्रष्टाचार का रोना भी रोते हैं।