(D.J)
रंगों-उमंगों के त्योहार होली का अवसर है। इसके लिए भाजपा के पास भरपूर रंग है, लेकिन इससे खुशबू गायब है। विधानसभा चुनाव में दो-तिहाई बहुमत हासिल होने के बावजूद आठ दिन में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर तस्वीर साफ न होने से यह स्थिति बनी है। इससे पार्टी नेताओं में बेचैनी है तो आमजन की उत्सकुता भी बढ़ गई है। यद्यपि, पार्टी ने अपने सभी निर्वाचित विधायकों को होली के तुरंत बाद देहरादून पहुंचने के निर्देश दिए हैं। गढ़वाल में 18 और कुमाऊं में 19 मार्च को रंगपंचमी है। ऐसे में समझा जा रहा है कि 19 मार्च की शाम अथवा 20 मार्च की सुबह केंद्रीय पर्यवेक्षक यहां पहुंच सकते हैं। संभव है कि 20 मार्च को विधायक दल की बैठक होगी। यानी, भाजपा में होली का वास्तविक रंग विधायक दल के नेता का चयन और सरकार के शपथ ग्रहण के बाद ही चढ़ेगा। दूसरी तरफ, पार्टी भी नई सरकार के शपथ ग्रहण की तैयारियों में जुट गई है।
विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाजपा का चेहरा थे। 10 मार्च को जब नतीजे आए तो पार्टी ने 70 में से 47 सीटें जीतकर दो-तिहाई बहुमत हासिल किया, लेकिन धामी अपनी सीट से चुनाव हार गए। इसके बाद से ही यह प्रश्न राजनीतिक गलियारों के साथ ही आमजन के बीच तैर रहा है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।