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अगले सप्ताह से शुरू हो रहे विधानमंडल सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। हालांकि, बिखरा विपक्ष सरकार को पूरी तरह घेर पाएगा, इसके आसार कम हैं। लेकिन मुख्य विपक्षी दल सपा की तरफ से जो संकेत मिल रहे हैं उसके अनुसार गन्ना किसानों का बकाया भुगतान, कानून-व्यवस्था, बिजली-पानी, छात्रसंघों पर रोक और परीक्षा शुल्क बढ़ोतरी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश की जाएगी। सत्तापक्ष भी पूरी तैयारी में है। भ्रष्टाचार रोकने और जनसरोकारों के मुद्दे पर किए गए कामों को लेकर सरकार भी विपक्ष पर पलटवार करने से नहीं चूकेगी।
लोकसभा चुनाव के बाद सपा-बसपा में हुए अलगाव के मद्देनजर इस बार दोनों दलों की तरफ से सत्तापक्ष पर एकजुट हमले होने के आसार कम हैं। कांग्रेस की सदस्य संख्या कम होने से भी सदन में विपक्ष के एकजुट होकर हमले की संभावना फिलहाल नहीं है। फिर भी पिछले दिनों राजधानी में पुलिस द्वारा एक किशोर की पिटाई, बिजनौर में वाहन चेकिंग के दौरान पुलिस पिटाई से मौत, इटावा में छह दिनों तक एक युवक को थाने में बंद रखने, मैनपुरी में पत्नी के साथ दुष्कर्म की शिकायत लेकर थाने पहुंचे युवक की पुलिस द्वारा पिटाई, अयोध्या में ग्राम प्रधान की हत्या, लखनऊ में व्यापारी मनोज भट्टाचार्य की हत्या व जज के घर चोरी जैसी वारदातों को लेकर विपक्ष सत्तापक्ष को घेरने की कोशिश कर सकता है।