(Hindustan)
कोराना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ की भयावह रूप के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक समिति आज अपना फैसला सुना दिया है। आरबीआई बुधवार को लगातार नौवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करने का ऐलान किया है। रेपो रेट 4 फीसदी पर स्थिर है। मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के 6 सदस्यों में से 5 से पॉलिसी रेट को मौजूदा लेवल पर बनाए रखने का समर्थन किया था। इसका मतलब ये हुआ कि आपकी बैंक की ईएमआई नहीं घटेगी। दरअसल, रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों पर ब्याज दर कम करने का दबाव होता है। बैंक ब्याज दर में कटौती करते हैं तो ईएमआई भी कम हो जाती है।
दास ने कहा कि रिजर्व बैंक वृद्धि दर को पटरी पर लाने और उसे सतत आधार पर बनाये रखने के लिए उदार रुख बरकरार रखेगा। आरबीआई बैंकों को विदेशी शाखाओं में पूंजी डालने की अनुमति देगा, उनकी पूर्व अनुमति के बिना लाभ प्रत्यावर्तित करेगा। कच्चे तेल की कीमत नवंबर में नरम हुई, इससे घरेलू बाजार में लागत के स्तर पर दबाव कम होगा। वहीं, उन्होंने उम्मीद जताई कि पेट्रोल, डीजल के मूल्यों पर टैक्स की दरें कम होने से खपत मांग को मदद मिलनी चाहिए।
भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी गिरावट से बाहर आ गयी है, हम कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए बेहतर रूप से तैयार हैं। गवर्नर दास का कहना है कि वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्थाएं खुल रही हैं, गतिविधियों का स्तर महामारी पूर्व स्तर पर पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दूसरे देशों की तुलना में सुधार के मार्ग पर तीव्रता से बढ़ रही है लेकिन वैश्विक स्तर पर होने वाले घटनाक्रमों से बच नहीं सकती है।