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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) वर्ष 2017 की आखिरी दो दिवसीय द्वैमासिक मौद्रिक नीति समिति की बैठक कर रहा है। दो दिन (5 और 6 दिसंबर) चलने वाली इस बैठक का फैसला 6 दिसंबर को सामने आएगा। कई विशेषज्ञों का मानना है कि केंद्रीय बैंक इस बार की पॉलिसी बैठक में नीतिगत दरों को पूर्व दर (6 फीसद) पर ही बरकरार रख सकता है।
शेयर बाजार और इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स कल की बैठक में तय होने वाली ब्याज दरों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इससे पिछली बैठक में जो अक्टूबर में हुई थी, में एमपीसी ने बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए प्रमुख ब्याज दरें बरकरार रखी थीं। साथ ही उसने चालू वित्त वर्ष में विकास अनुमान को घटाकर 6.7 फीसद कर दिया था।
वहीं रिवर्ज बैंक ने अगस्त महीने में प्रमुख उधार दरों में चौथाई फीसद की कटौती कर उसे 6 फीसद कर दिया था। यह छह वर्षों का निम्नतम स्तर था। बैंकर्स और एक्सपर्ट्स का मानना है कि केंद्रीय बैंक लगातार दूसरी बार रेपो रेट या छोटी अवधि की उधार दरें अपरिवर्तित रख सकता है।