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पंजाब नेशनल बैंक के लोन घोटाले की जिम्मेदारी भारतीय रिजर्व बैंक पर डालते हुए मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) के. वी. चौधरी ने मंगलवार को कहा कि केंद्रीय बैंक द्वारा घोटाले की अवधि में ‘स्पष्ट ऑडिट’ नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि ऑडिट के लिए और कठोर व्यवस्था अपनाए जाने की जरूरत है।एक इंटरव्यू में चौधरी ने कहा कि रिजर्व बैंक ने ठोस तरीके से ऑडिट नहीं किया। सीवीसी 13000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ के कामकाज की देखरेख करता है। बैंकिंग सेक्टर के लिए नियामक की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक के पास है लेकिन सीवीसी किसी भी गड़बड़ी की जांच करता है।रिजर्व बैंक का कहना है कि उसने नियमित ऑडिट के बजाय जोखिम आधारित ऑडिट की व्यवस्था लागू की थी। जोखिम आधारित ऑडिट तभी होता है जब किसी तरह का वित्तीय जोखिम महसूस किया जाता है। चौधरी के अनुसार जोखिम तय करने के लिए कुछ मानदंड होने चाहिए जिनके आधार पर ऑडिट किया जाए। लेकिन रिजर्व बैंक ने घोटाले की अवधि में कोई स्पष्ट ऑडिट नहीं किया।