(Hindustan)
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार से कहा है की पूर्व सैन्यकर्मियों की ओर से वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना को लेकर उठाई गई खामियों को दूर करने के लिए वह गंभीरतापूर्वक विचार करे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और हेमंत गुप्ता की पीठ ने सरकार से कहा कि यदि सरकार पूर्व सैनिकों की समस्याओं पर गंभीरता से विचार करती है, तो यह न्याय के हित में होगा। मामले कि अगली सुनवाई सात अगस्त को होगी।
याचिकाकर्ता इंडियन एक्स सर्विसमेन मूवमेंट ने ओआरओपी को लागू करने में पुराने और नए पेंशनरों के बीच में अंतर और उसे पूरा करने के लिए ‘आवधिक अंतराल’ का मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि ओआरओपी को लागू करने में ‘आवधिक अंतराल’ ने अधिकारियों के एक वर्ग के अंदर ही वर्ग बना दिया है। इससे इस योजना का उद्देश्य ही समाप्त हो गया है और यह ‘वन रैंक डिफरेंट पेंशन’ योजना बनकर रह गई है। उन्होंने कहा कि योजना को 2013 से लागू किया गया है। इसके कारण 2014 से पहले रिटायर हुए लोग बाद में रिटायर हुए लोगों के मुकाबले कम पेंशन ले रहे हैं।