- Exclusive Interview of Mr. Navneet Sehgal, IAS Government of UP
- India’s Most Popular IAS Superannuated yesterday
- आईएएस सेवा से रिटायर हुए देश के सबसे लोकप्रिय आईएएस नवनीत सहगल
- एक पारी पूरी, दूसरी की तैयारी!
राजेन्द्र के. गौतम Rajendra Kumar Gautam
अगर आपके पास अपने सपने को साकार करने का जुनून, लगन और धैर्य है तो आपको सफलता अवश्य मिलेगी। ऐसा ही एक सपना एक मध्यम वर्ग के परिवार के बच्चे ने देखा और चार्टेड एकाउंटेंट के तौर पर 300 रुपए के मामूली वेतन से अपना कैरियर शुरू करने वाला वह बच्चा देश का सबसे लोकप्रिय आईएएस बन कर जहां अपने माता-पिता का सपना पूरा किया वहीं सामाजिक जिम्मेदारी के तहत अपने आईएएस सेवा के कार्यकाल के दौरान जनहित में किए गए रिकार्ड कार्यों से मील का पत्थर साबित हुए। अपने सकारात्मक नजरिए की वजह से जनता में खासे लोकप्रिय होने के साथ ही यूपी के कई मुख्यमंत्रियों के आंखों के काजल भी रहे। ‘वक्त कम है काम बहुत है निरंतर तुम चलते जाना। तिनका-तिनका फतह कर के जीत शिखर पर चढ़ते जाना। कवि अजीत कुमार की यह कविता यूपी के सबसे अधिक चर्चित आईएएस अधिकारी डा. नवनीत कुमार सहगल पर सटीक साबित होती है। रिटायरमेंंट के अंतिम दिन निष्पक्ष दिव्य संदेश को दिए गए साक्षात्कार में अपने जीवन के तमाम छुए-अनछुए पहलूओं पर बेबाकी से जवाब दिया।
प्रश्न :कैसा रहा 36 साल की सरकारी सेवा का अनुभव?
उत्तर : अपनी पहली पोस्टिंग से लेकर और अंतिम पोस्टिंग अपर मुख्य सचिव खेल के तौर पर काफी उल्लेखनीय कार्य किए हैं। यह संतुष्टिï है कि जहां-जहां तैनात रहा वहां-वहां जनहित के काफी कार्य किए। यूपी में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नई खेल नीति बनाई गई। गांव-गांव खेल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए गए। खिलाडिय़ों को अंतर्राष्टï्रीय स्तर की खेल सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। मीडिया मैनेजमेंट के जादूगर के तौर पर विख्यात अपनी छवि के विषय में यही कहा कि मीडिया के कोई भी बंधु जब भी उनके पास अपनी समस्याओं को लेकर आया, त्वरित निस्तारण किया गया। यही वजह है कि मीडिया उनको फ्रेंड के तौर पर देखती है। पत्रकारों और सरकार के बीच सेतु का काम किया गया। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे निर्धारित समय में बनाया गया। धमार्थ विभाग में तैनाती के दौरान तीर्थ स्थलों पर बुजुगों को निशुल्क तीर्थ यात्रा के प्रयोग की चर्चा काफी हुई थी। एमएसएमई विभाग में ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक, वन प्रोडक्ट) की यूनीक योजना यूपी में लागू की गई। यह योजना इतनी लोकप्रिय हुई अब अन्य राज्य भी ओडीओपी योजना को आत्मसात कर रहे हैं। इस योजना से हर जिले के उत्पादों को बाजार मिला। साथ ही फ्लिपकार्ट और अमेजन ई कार्मस पोर्टल के साथ एमओयू किए गए। खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों के जन-जन के बीच लोकप्रिय करने के लिए काफी प्रयोगिक निर्णय लिए गए। जिसकी वजह से खादी ग्रामोद्योग विभाग का निर्यात 86000 करोड़ था। 2018 से 2022 के बीच की अवधि में 1,50,000 करोड़ रुपये हो गया।
उत्तर : अपनी पहली पोस्टिंग से लेकर और अंतिम पोस्टिंग अपर मुख्य सचिव खेल के तौर पर काफी उल्लेखनीय कार्य किए हैं। यह संतुष्टिï है कि जहां-जहां तैनात रहा वहां-वहां जनहित के काफी कार्य किए। यूपी में खेलों को बढ़ावा देने के लिए नई खेल नीति बनाई गई। गांव-गांव खेल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किए गए। खिलाडिय़ों को अंतर्राष्टï्रीय स्तर की खेल सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। मीडिया मैनेजमेंट के जादूगर के तौर पर विख्यात अपनी छवि के विषय में यही कहा कि मीडिया के कोई भी बंधु जब भी उनके पास अपनी समस्याओं को लेकर आया, त्वरित निस्तारण किया गया। यही वजह है कि मीडिया उनको फ्रेंड के तौर पर देखती है। पत्रकारों और सरकार के बीच सेतु का काम किया गया। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे निर्धारित समय में बनाया गया। धमार्थ विभाग में तैनाती के दौरान तीर्थ स्थलों पर बुजुगों को निशुल्क तीर्थ यात्रा के प्रयोग की चर्चा काफी हुई थी। एमएसएमई विभाग में ओडीओपी (वन डिस्ट्रिक, वन प्रोडक्ट) की यूनीक योजना यूपी में लागू की गई। यह योजना इतनी लोकप्रिय हुई अब अन्य राज्य भी ओडीओपी योजना को आत्मसात कर रहे हैं। इस योजना से हर जिले के उत्पादों को बाजार मिला। साथ ही फ्लिपकार्ट और अमेजन ई कार्मस पोर्टल के साथ एमओयू किए गए। खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों के जन-जन के बीच लोकप्रिय करने के लिए काफी प्रयोगिक निर्णय लिए गए। जिसकी वजह से खादी ग्रामोद्योग विभाग का निर्यात 86000 करोड़ था। 2018 से 2022 के बीच की अवधि में 1,50,000 करोड़ रुपये हो गया।
जबकि इस दौरान कोविड-19 का जबरदस्त प्रकोप राहा। टूरिज्म में तैनाती के टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रयास किए गए। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य राजमार्ग प्राधिकरण में तैनाती के दौरान केवल 22 महीने के रिकॉर्ड समय में 302 किमी तक फैले और छह लेन (आठ लेन तक विस्तार योग्य) वाले आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे के निर्माण करवाया गया। लखनऊ और गाजीपुर के बीच पूर्वी उत्तर प्रदेश के अविकसित क्षेत्रों से होकर गुजरने वाले 340 किमी लंबे एक और एक्सप्रेसवे की योजना बनाई। यूपीपीसीएल में तैनाती के दौरान 45000 कर्मचारियों वाले सार्वजनिक क्षेत्र के 6 संयंत्रों से उत्पादन क्षमता 8000 मेगावाट थी। मेरे कार्यकाल में रिकॉर्ड संख्या में 550 नये सब-स्टेशनों की योजना बनाई और उन्हें पूरा किया। राज्य के लिए एक नई ऊर्जा नीति के कार्यान्वयन का नेतृत्व किया, जिससे 35000 मेगावाट से अधिक क्षमता वाली बिजली उत्पादन परियोजनाओं में निजी क्षेत्र की भागीदारी की अनुमति मिली। उत्तर प्रदेश राज्य ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया, जो 25000 किमी के ट्रांसमिशन नेटवर्क और 350 से अधिक ट्रांसमिशन सबस्टेशनों को बनाए रखने के लिए जिम्मेदार थे। पांच सहायक वितरण कंपनियों की एक होल्डिंग कंपनी का प्रबंधन कियाए जो 140 मिलियन के उपभोक्ता आधार और 400 मिलियन अमरीकी डालर के पूंजी आधार को पूरा करती है।
प्रश्न : 36 साल की सरकारी सेवा के बाद अगला लक्ष्य क्या है?
उत्तर : सरकारी सेवा से रिटायर हुआ हूं, अभी कुछ दिन आराम करूंगा फिर तय करूंगा कि भविष्य में क्या करना है।
उत्तर : सरकारी सेवा से रिटायर हुआ हूं, अभी कुछ दिन आराम करूंगा फिर तय करूंगा कि भविष्य में क्या करना है।
प्रश्न : क्या आप राजनीति में प्रवेश करेंगे?
उत्तर : माता-पिता और बाबा भोलेनाथ के आर्शीवाद यहां तक पहुंच हूं। भविष्य में नहीं जानता। ईश्वर जो कराएंगे। वो करूंगा।
उत्तर : माता-पिता और बाबा भोलेनाथ के आर्शीवाद यहां तक पहुंच हूं। भविष्य में नहीं जानता। ईश्वर जो कराएंगे। वो करूंगा।
प्रश्न :आपने जिस मुख्यमंत्री के साथ कार्य किया, उसके प्रिय हो गए?
उत्तर : मैंने दिवंगत मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्ता, दिवंगत मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, दिवंगत मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ काम किया है। मैंने अपनी सेवा के दौरान अपने काम के बल पर 100 प्रतिशत देने का प्रयास है। यही वजह है कि सभी मुख्यमंत्रियों से मार्ग-दर्शन और स्नेह मिला।
उत्तर : मैंने दिवंगत मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्ता, दिवंगत मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, दिवंगत मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, पूर्व मुख्यमंत्री मायावती, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ काम किया है। मैंने अपनी सेवा के दौरान अपने काम के बल पर 100 प्रतिशत देने का प्रयास है। यही वजह है कि सभी मुख्यमंत्रियों से मार्ग-दर्शन और स्नेह मिला।
प्रश्न :अपने समकक्षीय अफसरों के साथ कैसा अनुभव रहा?
उत्तर : अगर एक आधा को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर के साथ शानदार अनुभाव रहा।
उत्तर : अगर एक आधा को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर के साथ शानदार अनुभाव रहा।
प्रश्न :नए अफसरों के लिए क्या संदेश हैं?
उत्तर : जनहित में खूब काम करें।
उत्तर : जनहित में खूब काम करें।