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अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में अब तक के सबसे बड़े कर सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू करने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार अब प्रत्यक्ष कर के क्षेत्र में भी आमूल-चूल बदलाव की तैयारी में है। इस बारे में सुझाव देने के लिए सरकार ने एक छह सदस्यीय कार्य दल का गठन किया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से बुधवार को यहां जारी एक बयान के मुताबिक, बीते एक और दो सितंबर को आयोजित राजस्व ज्ञान संगम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि आयकर कानून, 1961 को तैयार हुए 50 वर्ष से अधिक हो चुके हैं और इसका मसौदा दोबारा तैयार करने की जरूरत है।
कार्यदल का गठन
कानून की समीक्षा करने और देश की आर्थिक जरूरतों के अनुरूप नए प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार करने के लिए सरकार ने एक कार्य दल के गठन को मंजूरी दी है। कार्य दल के संयोजक केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के सदस्य अरबिंद मोदी होंगे, जबकि चार्टर्ड अकाउंटेंट गिरीश आहूजा, ईएंडवाई के भारतीय प्रमुख राजीव मेमानी, अहमदाबाद के कर अधिवक्ता मुकेश पटेल, इक्रीयर में सलाहकार मानसी केडिया और भारतीय राजस्व सेवा के पूर्व अधिकारी जीसी श्रीवास्तव कार्य दल के सदस्य होंगे।