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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) की बैठक में अर्थव्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. इस बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास समेत अन्य नियामक शामिल हुए. बैठक के बाद दास ने कहा कि बैठक में बजट के प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई. सीतारमण आम बजट पांच जुलाई को लोकसभा में पेश करेंगी.
नई सरकार के गठन के बाद यह FSDC की पहली बैठक थी. FSDC क्षेत्रवार नियामकों का शीर्ष निकाय है, जिसकी अध्यक्षता वित्त मंत्री करते हैं. दास ने यह भी कहा कि रिजर्व बैंक के पास रखी जाने वाली पूंजी का उचित आकार कितना होना चाहिए, इस बारे में पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में गठित समिति अपनी रिपोर्ट जून के अंत तक सौंप देगी.
समिति रिपोर्ट को अंतिम रूप देने और उसे RBI को सौंपने से पहले एक और बैठक करेगी. जालान की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय समिति 26 दिसंबर 2018 को बनाई गई थी. वित्त मंत्रालय यह चाहता है कि आरबीआई वैश्विक स्तर पर अपनाई जा रही बेहतर गतिविधियों का अनुकरण करे और सरकार को और सरप्लस ट्रांसफर करे. समिति को अपनी पहली बैठक के 90 दिन के भीतर रिपोर्ट देनी थी. पहली बैठक आठ जनवरी को हुई थी. समिति के तय समय में रिपोर्ट नहीं देने के बाद समयसीमा तीन माह बढ़ाई गई. समिति के अन्य प्रमुख सदस्यों में आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर राकेश मोहन, वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग, आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एन एस विश्वनाथन और आरबीआई केंद्रीय निदेशक मंडल के सदस्य-भरत दोषी और सुधीर मांकड़ शामिल हैं. राकेश मोहन समिति के उपाध्यक्ष हैं.