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कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने पीएफ बकाये के संग्रह तथा भविष्य निधि निकासी का भुगतान, पेंशन और बीमा के लिये पांच बैंकों के साथ समझौता किया है. बैंक आफ बड़ौदा, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक तथा कोटक महिंद्रा बैंक से ईपीएफओ को सालाना करीब 125 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिलेगी.
साथ ही इससे निवेश में तेजी के साथ अंशधारकों को भुगतान लाभ मिलेगा. अब जिन नियोक्ताओं का इन बैंकों में खाते होंगे, वे बकाया पीएफ (भविश्य निधि) इंटरनेट बैंकिंग के जरिये सीधे तत्काल ईपीएफओ के खाते में जमा कर सकते हैं.
इस प्रकार की व्यवस्था नहीं होने से ईपीएफओ को बकाये का संग्रह करना होता था तथा भुगतान एग्रीगेटर के जरिये करना पड़ता था. इससे प्रत्येक लेन-देन पर करीब 12 रुपये की लागत आती है. केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त वी पी जॉय ने कहा, सदस्यों के खातों में भुगतान के लिये लेन-देन शुल्क के रूप में सालाना 350 करोड़ रुपये की लागत आती थी.अब एसबीआई के अलावा पीएनबी, इलाहबाद बैंक, इंडियन बैंक, यूनियन बैंक आफ इंडिया आनलाइन बकाये का संग्रह करना शुरू कर दिया है. इससे लागत घटकर 175 करोड़ रुपये पर आ गयी है. उन्होंने कहा कि पांच और बैंकों के साथ समझौते के बाद ये शुल्क कम होकर 50 करोड़ रुपये सालाना रह जाएगा.