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केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने वित्त मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वो बीते एक साल पुरानी आरटीआई (सूचना अधिकार कानून) के तहत मांगी गई जानकारी का जवाब दें। इसके तहत सरकार से देश में नोटबंदी लागू होने के बाद कितना कालाधन जमा किया गया है कि जानकारी मांगी गई थी।
मुख्य सूचना आयुक्त आर के माथुर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को आरटीआई कानून के तहत एक दंड से बख्श दिया। क्योंकि मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों ने आरटीआई का जवाब समय पर न देने के बाद माफी मांग ली थी।
आरटीआई कानून के तहत आयोग सेंट्रल पब्लिक इंफोर्मेशन के उन ऑफिसर पर जुर्माना लगा सकता है जो आरटीआई फाइल होने के 30 दिनों के भीतर जवाब नहीं देते हैं। अगर आयोग को लगता है कि इस देरी के पीछे कोई उचित कारण नहीं है या फिर किसी गलत मंशा से जवाब नहीं दिया गया है तो ऐसी स्थिति में वह जुर्माना लगा सकता है।