BPCL के बाद अब LIC विनिवेश प्रक्रिया के भी अगले वित्त वर्ष में जाने के आसार

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(D.J)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बुधवार को बजट पूर्व बैठक में देश के कुछ पूर्व अर्थशास्ति्रयों ने विनिवेश को लेकर तेजी से आगे बढ़ने की फिर सलाह दी है। यह सलाह संभवत: इसलिए दी गई है कि चालू वित्त वर्ष में अब सिर्फ तीन महीने शेष हैं और इस बात के आसार बन रहे हैं कि एक बार फिर आम बजट में तय विनिवेश लक्ष्य पूरा नहीं हो पाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा था और अक्टूबर माह तक की तैयारियों से ऐसा लग रहा था कि यह लक्ष्य पूरा हो सकता है। लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए जरूरी दो सबसे बड़ी सरकारी कंपनियों भारत पेट्रोलियम (बीपीसीएल) और भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआइसी) की विनिवेश प्रक्रिया को लेकर गंभीर सवाल उठ गये हैं। इन दोनो कंपनियों से ही सरकार के विनिवेश लक्ष्य का एक बड़ा हिस्सा (तकरीबन 1.25 लाख करोड़ रुपये) पूरे होने की संभावना

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अभी तक इस वर्ष सिर्फ 9,110.56 करोड़ रुपये का विनिवेश हो पाया है।विनिवेश को लेकर मौजूदा एनडीए सरकार का प्रदर्शन मिला-जुला रहा है। वर्ष 2017-18 और वर्ष 2018-19 में विनिवेश लक्ष्य हासिल करने के बाद यह लगातार तीसरा वित्त वर्ष होगा जब वास्तविक तौर पर हासिल राशि बजट में तय राशि से काफी कम होगी। एलआइसी की विनिवेश प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2021-22 में अगले दो से तीन हफ्तों में यह तय हो पाएगा कि एलआइसी का आरंभिक पब्लिक आफर (आइपीओ) आ पाएगा या नहीं। अभी तक की स्थिति यह है कि एलआइसी विनिवेश प्रक्रिया को कुछ नियमन संबंधी मंजूरियां भी नहीं मिल पाई हैं। इसकी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एलआइसी कानून, 1956 में 27 संशोधन भी करा लिया गया है लेकिन दूसरी कई नियमन संबंधी बाधाओं को दस मर्चेंट बैंकरों की टीम भी फिलहाल पार नहीं पा रही है।

यही वजह है कि अब एलआइसी आइपीओ के भी अगले वित्त वर्ष में चले जाने की संभावना बन रही है।बीपीसीएल को लेकर भी स्थिति कुछ ऐसी ही स्थिति है। सूत्रों का कहना है कि बीपीसीएल के विनिवेश को लेकर चल रहे रोड शो में शामिल निवेशक समुदाय की तरफ से कुछ नए सवाल आ गये हैं जिनका जवाब सरकार की तरफ से अभी दिया जाना शेष है। निवेशकों ने खास तौर पर भारत की तरफ से घोषित नये पर्यावरण लक्ष्यों के संदर्भ में सूचना मांगी हैं। इनका कहना है कि बीपीसीएल किस तरह से ग्रीन इनर्जी के माहौल में कंपनी के तौर पर अपने आपको तब्दील करेगी, इसको लेकर स्थिति और स्पष्ट होनी चाहिए।

यही वजह है कि अब एलआइसी आइपीओ के भी अगले वित्त वर्ष में चले जाने की संभावना बन रही है।बीपीसीएल को लेकर भी स्थिति कुछ ऐसी ही स्थिति है। सूत्रों का कहना है कि बीपीसीएल के विनिवेश को लेकर चल रहे रोड शो में शामिल निवेशक समुदाय की तरफ से कुछ नए सवाल आ गये हैं जिनका जवाब सरकार की तरफ से अभी दिया जाना शेष है। निवेशकों ने खास तौर पर भारत की तरफ से घोषित नये पर्यावरण लक्ष्यों के संदर्भ में सूचना मांगी हैं। इनका कहना है कि बीपीसीएल किस तरह से ग्रीन इनर्जी के माहौल में कंपनी के तौर पर अपने आपको तब्दील करेगी, इसको लेकर स्थिति और स्पष्ट होनी चाहिए।

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