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रियल एस्टेट के मामले में सबसे अधिक टैक्स चोरी को देखते हुए सरकार इसे जीएसटी के दायरे में ला सकती है। वित्त मंत्री अरुण जेटली के मुताबिक रियल एस्टेट सेक्टर के इस पहलू की वजह से जीएसटी के दायरे में इसे लाने के पक्ष में तर्क काफी मजबूत हो गए हैं। गुवाहाटी में 9 नवंबर को जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस विचार होगा।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में एक व्याख्यान के दौरान जेटली ने कहा कि सबसे अधिक टैक्स चोरी और नकदी पैदा करने वाला सेक्टर रियल एस्टेट सेक्टर अब तक जीएसटी के दायरे से बाहर है। कुछ राज्य इस सेक्टर को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग कर रहे हैं। मेरा निजी मत है कि रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने के पक्ष में मजबूत तर्क हैं। भारत में टैक्स सुधार पर वार्षिक महिंद्रा व्याख्यान में उन्होंने कहा जीएसटी काउंसिल बैठक में अब इस समस्याग्रस्त सेक्टर पर विचार करेंगे। इसमें इस सेक्टर को जीएसटी दायरे में लाने पर बातचीत होगी। इसमें हम किसी एक मत पर पहुंचने की कोशिश करेंगे। अगर रियल एस्टेट सेक्टर जीएसटी दायरे के आ जाता है तो उपभोक्ता को फायदा होगा क्योंकि सिर्फ एक टैक्स देना होगा। यह आखिरी टैक्स होगा, जो बेहद कम होगा।