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केंद्र सरकार ओबीसी कोटे के अंदर कोटे की व्यवस्था करने की तैयारी में है। ओबीसी में उप श्रेणियां बनाने के लिए एक आयोग का गठन करने के लिए राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेज दी गई है। आयोग अपने गठन के बाद 12 हफ्तों में सरकार को रिपोर्ट सौंपेगा।
सरकार की मंशा बिहार, झारखंड सहित 11 राज्यों की तर्ज पर पिछड़ी जातियों और अति पिछड़ी जातियों की उप श्रेणियां बनाने की हैं। इसके बाद केंद्र सरकार की नौकरियों में भी आरक्षण का लाभ उठाने से वंचित कुछ जातियों को सीधा लाभ होगा। बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री ने ओबीसी आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की सीमा को छह लाख से बढ़ा कर आठ लाख करने का फैसला लिया लिए जाने की जानकारी दी।
पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का फैसला कर चुकी मोदी सरकार ने अब ओबीसी कोर्ट के अंदर कोटे की व्यवस्था कर पिछड़ी जातियों में शुमार उन जातियों को राहत देने की तैयारी की है, जिन्हें आरक्षण का पूरा लाभ नहीं मिल पाता है। गौरतलब है कि बीती सदी के नब्बे के दशक में मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू होने के बाद से ही ओबीसी आरक्षण व्यवस्था की सिफारिश की मांग उठती रही है। जेटली ने बताया कि यूपीए शासनकाल के दौरान वर्ष 2011 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने ओबीसी में उपश्रेणियां बनाने की सिफारिश की थी। उसके बाद वर्ष 2012-13 में संसद की स्थाई समिति ने भी इसी आशय की सिफारिश की थी।