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राज्यसभा से इस्तीफा स्वीकार होने के बाद बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने 23 जुलाई को पार्टी के राज्यसभा सांसदों, विधायकों, जोन इंचार्ज, जिलाध्यक्ष समेत पार्टी के सभी प्रमुख नेताओं को दिल्ली तलब किया है। राष्ट्रीय स्तर की दिल्ली में आयोजित बैठक में मायावती आगामी रणनीति तय करेंगी।दलितों के मुद्दे पर राज्यसभा में अपनी बात रखने का मौका न मिलने से नाराज बसपा प्रमुख ने पिछले दिनों अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। गुरुवार को इस्तीफा स्वीकार होने के बाद मायावती ने दिल्ली में ही रविवार को उत्तर प्रदेश के साथ ही दूसरे राज्यों के प्रमुख पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है।
सूत्रों का कहना है दलितों के मुद्दे पर बसपा प्रमुख द्वारा इस्तीफा देने की बात को अब गांव-गांव तक पहुंचाने की तैयारी है। बसपा प्रमुख ने राज्यसभा में जो बोला उसे सोशल मीडिया आदि पर वीडियो के जरिए दलितों के बीच पहुंचाकर यह संदेश देने की कोशिश है कि मायावती ही उनकी सच्ची हितैषी हैं। दलितों की लड़ाई लड़ने के लिए बसपा प्रमुख ने अपने पद की परवाह नहीं की। दलित हित में सांसदी कुर्बान करने की छवि को उभारने के लिए पार्टी सड़कों पर भी संघर्ष करेगी।
23 जुलाई को दिल्ली में आहूत बैठक में इसकी रणनीति तैयार की जाएगी। आंदोलन से आमतौर पर दूर रहने वाली बसपा बदले हालात में संघर्ष की राह पकड़ती दिख रही है। विधानसभा में भी बसपा आक्रामक तेवर अपनाए हुए है। उल्लेखनीय है कि खिसकते दलित वोट बैंक के कारण ही पार्टी का लोकसभा और विधानसभा चुनाव में निराशाजनक रहा है।