लखनऊ की मैं नहीं ‘हम’ की भावना की प्रशंसक हुई राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि वे हिंदी कम जानती हैं, लेकिन सुबह-ए-बनारस और शाम-ए-लखनऊ की कहावत सुनी है। आज मेरी सुबह बनारस और शाम लखनऊ में गुजरी, इस तरह से मैं इसकी साक्षी बनी। उन्होंने लखनऊ की तहजीब और नजाकत की दिल खोलकर प्रशंसा की। कहा, लखनऊवासी मैं के बजाय खुद को हम बोलते हैं। यानी एक व्यक्ति भी खुद को समूह से जोड़कर देखता है और यही भावना हमें भारतीय बनाती है। अलग धर्म, जाति, क्षेत्र, राज्य व आस्था से जुड़े होने के बावजूद हमारी पहचान भारतीय ही है। राष्ट्रपति डिवाइन हार्ट फाउंडेशन के 27वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं।

उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को इलाज के साथ लोगों को स्वस्थ रहने के लिए जागरूक करने पर भी ध्यान देना चाहिए। इलाज करके वे सीधे तौर पर 100-200 लोगों को लाभांवित कर सकते हैं लेकिन जागरूकता फैलाकर हजारों को लाभ पहुंचा सकते हैं। राष्ट्रपति डिवाइन हार्ट फाउंडेशन के 27वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। राष्ट्रपति ने कहा, जिन अस्पतालों में नर सेवा, नारायण सेवा की भावना प्रबल हो, वहां मानवता के श्रेष्ठतम रूप का दर्शन होता है। देशवासियों को कम दर पर अच्छी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर हम स्वस्थ व समृद्ध भारत का निर्माण कर सकते हैं।

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