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एमसीडी के एकीकरण के विधेयक पर संसद की मुहर लग गई। राज्यसभा में विधेयक का विरोध करते हुए जहां आम आदमी पार्टी ने इसकी वजह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की लोकप्रियता का डर बताया, वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली नगर निगमों के साथ राज्य सरकार पर सौतेले व्यवहार का आरोप लगाया। शाह ने एमसीडी का फंड रोकने से जनता को हो रही परेशानी का हवाला देते हुए आम आदमी पार्टी को चेतावनी दी कि एमसीडी के चक्कर में कहीं उनकी दिल्ली सरकार ही नहीं चली जाए। उन्होंने कहा कि वो कांग्रेस पार्टी जिसने आपातकाल लगाया, सारे लोकतांत्रिक अधिकार छीन लिए, बिना कारण विपक्षी नेताओं क जेल में डलवा दिया, प्रेस पर पाबंदी लगा दी, यहां तक कि किशोर कुमार के गानों पर भी रोक लगा दी वो आज लोकतंत्र की दुहाई दे रही है?
लोकसभा में पहले ही पास चुके विधेयक पर राज्यसभा में बहस के दौरान सभी पार्टियों ने राजनीति साधने की कोशिश की। कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर हार के डर से एमसीडी के एकीकरण की आड़ में चुनाव टालने का आरोप लगाया और इसे देश के संघीय ढांचे के खिलाफ बताया। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने इसे ‘केजरीवाल फोबिया विधेयक’ करार दिया। उनके अनुसार केजरीवाल की बढ़ती लोकप्रियता से डरकर भाजपा एमसीडी चुनाव से भाग रही है। इसका जवाब देते हुए अमित शाह ने साफ किया कि हाल के पांच विधानसभा चुनावों में चार में ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाली भाजपा को किसी से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव में हार कभी भी किसी की हो सकती है और ‘हमें न तो हारने का भय और न ही जीतने का अहंकार होता है।’ उन्होंने कटाक्ष किया सिर्फ एक चुनाव जीतकर आम आदमी पार्टी फोबिया की बात करने लगी है। इस क्रम में उन्होंने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और गोवा में अधिकांश सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों की जमानत जब्त होने का हवाला भी दिया।