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केंद्रीय शिक्षा मंत्री व प्रदेश के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार शाम यहां आकर फतेहगढ़ के एक गेस्ट हाउस में पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने कार्यकर्ताओं को चुनाव में जीत दिलाने का मंत्र दिया। केंद्रीय मंत्री शाम को कार से फतेहगढ़ पुलिस लाइन के निकट स्थित गेस्ट हाउस में पहुंचे। उन्होंने जिलाध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों के अलावा विधानसभा क्षेत्र प्रभारी, प्रवासी कार्यकर्ता, विधानसभा संयोजक एवं विस्तारकों की बैठक ली। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि दो चरणों का मतदान हो चुका है। कार्यकर्ताओं व जनता से मिले फीडबैक के अनुसार विपक्षी दलों का सफाया हो गया है। यह बात हमें लोगों तक पहुंचानी है। पार्टी के कार्यक्रमों की जानकारी लोगों को दें। जिले के संगठन प्रभारी व एमएलसी डा. अरुण पाठक, जिलाध्यक्ष रूपेश गुप्ता आदि मौजूद रहे। गेस्ट हाउस पहुंचने पर हाल में पार्टी में शामिल हुए विश्वास गुप्ता आदि कार्यकर्ताओं से भी भेंट की। 64 फीसद मतदान कर्मियों ने ही नहीं किया मताधिकार का उपयोग जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद : निर्वाचन आयोग की ओर से जहां मतदान का फीसद बढ़ाने को बाकायदा स्वीप अभियान चलाया जा रहा है। अधिकारियों के निर्देश पर इसमें सरकारी कर्मचारी भी रैलियों आदि में शामिल हो रहे हैं।
वहीं हकीकत यह है कि प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 64 फीसद मतदान कर्मियों ने प्रशिक्षण स्थल पर ही फैसिलिटी सेंटर बनाए जाने के बावजूद पोस्टल बैलट से अपने मताधिकार का उपयोग नहीं किया। विगत छह दिनों से चल रहे प्रशिक्षण के दौरान कुल 149 लोग अनुपस्थित रहे। प्रशिक्षण के अंतिम दिन भी 27 मतदान कर्मी गायब रहे। लोकतंत्र के त्योहार में उत्साहपूर्वक भाग लेने में दिव्यांग और वृद्धों का जज्बा देखने लायक है। 80 वर्ष से अधिक आयु के वृद्ध व दिव्यांगों ने जहां पोस्टल बैलट के माध्यम से 89 प्रतिशत वोटिग की, वहीं मतदाता जागरूकता के नाम पर नारे लगाने वाले सरकारी कर्मचारी फिसड्डी दिखे। प्रशिक्षण स्थल पर मतदान कर्मियों को पोस्टल बैलट के माध्यम से वोटिग की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। प्रतिदिन 1200 मतदान कर्मियों ने प्रशिक्षण लिया। हालांकि 64 प्रतिशत मतदान कर्मियों ने मताधिकार का उपयोग करना मुनासिब नहीं समझा। मंगलवार को मात्र 490 मतदान कर्मियों सहित कुल 2566 ने ही अभी तक पोस्टल बैलट का उपयोग किया है। विगत एक सप्ताह के प्रशिक्षण के दौरान अनुपस्थित रहे कुल 149 मतदान कर्मियों को प्रशिक्षण के लिए उपस्थित होने के लिए बुधवार को पहली पाली में अंतिम अवसर दिया जाएगा। जिला विकास अधिकारी योगेंद्र पाठक ने बताया कि कुल 38 पीठासीन अधिकारियों के अलावा 31 मतदान अधिकारी प्रथम, 42 द्वितय व 38 मतदान अधिकारी तृतीय प्रशिक्षण से अनुपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि 16 फरवरी को उपस्थित न होने वाले मतदान कर्मियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि यदि किसी मतदान कर्मी के पास चुनाव ड्यूटी से असमर्थ होने का कोई वैध कारण है तो वह उपस्थित होकर अपनी बात रख सकता है। उसके प्रार्थना पत्र पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।