(Hindustan)
केंद्रीय चुनाव आयोग का दल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों को परखने के लिए तीन दिनी दौरे पर मंगलवार को लखनऊ पहुंचा। आयोग ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चुनाव के संबंध में राय ली। इन दलों ने आयोग से कहा कि विधानसभा चुनाव समय से करवाए जाएं। विपक्षी दलों ने इस बात पर जोर दिया कि चुनाव निष्पक्ष हों। सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग न होने पाए।
आयोग ने राज्य पुलिस अधिकारियों के अलावा आयकर, नारकोटिक्स व आबकारी, ईडी और केंद्रीय सुरक्षा बलों के अधिकारियों से भी अलग-अलग मुलाकात की। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चन्द्रा के साथ निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और अनूप चन्द्र पाण्डेय की टीम ने राजधानी आते ही अपना काम शुरू कर दिया। विपक्षी दलों ने कहा कि बगैर किसी बाधा व राजनीतिक हस्तक्षेप के स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव करवाया जाना सुनिश्चित किया जाए।
भारतीय जनता पार्टी ने मांग रखी कि हर मतदान केन्द्र के प्रत्येक पोलिंग बूथ पर एक महिला सुरक्षाकर्मी अनिवार्य रूप से तैनात की जाए। महिला सुरक्षा कर्मी घूंघट और पर्दे में आने वाली महिला मतदाताओं की भलीभांति पहचान करे। एक परिवार के सभी वोटर एक ही बूथ पर मतदान करें, ऐसी व्यवस्था बनायी जाए।
कांग्रेस ने कहा कि विधानसभा चुनाव की सुरक्षा व्यवस्था से उत्तर प्रदेश पुलिस दूर रहे और चुनाव केन्द्रीय सुरक्षा बलों की निगरानी में करवाए जाएं। पार्टी ने प्रदेश सरकार के कुछ अफसरों की भूमिका पर भी सवाल उठाया है
बसपा ने ज्ञापन देकर कहा कि चुनावों को धार्मिक रंग देकर जिस तरह से संकीर्ण स्वार्थ की राजनीति की जा रही है उस पर चुनाव आयोग को सख्त कानूनी रवैया अपनाने की जरूरत है। इन मामलों में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए।
सपा ने आयोग से कहा कि 80 वर्ष से अधिक आयु तथा दिव्यांग मतदाताओं की सूची विधानसभा वार, पोलिंगबूथ वार उपलब्ध कराई जाय। ऐसे मतदाताओं की संख्या करीब 40 लाख है। पांच जनवरी 2022 को मतदाता सूची के अन्तिम प्रकाशन के साथ यह सूची भी दी जाय।
रालोद ने कहा कि प्रत्याशी की मांग पर 50 प्रतिषत वीवीपैट का मिलान करने की अनुमति दी जाय। एक ही व्यक्ति अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता है। इसे खत्म कर एक ही जगह उन्हें मतदाता रखा जाय।