संस्थापक समारोह में बोले शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भारत को विश्व में बनाना है नंबर एक

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(A.U)

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के संस्थापक सप्ताह समारोह के समापन का कार्यक्रम एमपी इंटर कॉलेज में सुबह साढ़े नौ बजे से शुरू हुआ। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और परिषद के संरक्षक व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद हैं। इस दौरान जनरल बिपिन रावत के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इसके बाद मुख्य अतिथि को उत्तरी, स्मृति चिह्न देकर उनका स्वागत किया गया। साथ ही पितृ तीर्थ गया नाम की पुस्तक का विमोचन हुआ। इस दौरान मुख्य अतिथि धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भारत को विश्व में नंबर एक बनाना है।

संस्थापक सप्ताह समापन अवसर पर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि महाप्रलय के समय में शिव जी गोरखनाथ के रूप में इस धरती पर पधारे, बाद में साहित्यकारों ने उसे सृष्टि की रचना के साथ जोड़कर स्मरण भी किया होगा। गोरखपुर हिमालय और महासमुद्र का संगम स्थल है। आज आप सभी इस पीढ़ी के विद्यार्थी जो इस विद्या नगरी में प्रवास करते हैं भाग्यशाली हैं।

उन्होंने कहा कि युगपुरुष महंत दिग्विजय नाथ जी के समय में समाज की स्थिति क्या थी, लंबे समय की मुगलिया शासन के उपरांत, अंग्रेजी हुकूमत के दौरान क्या स्थिति बनी होगी, बीसवीं सदी की उस खंड को याद करिए देश की क्या स्थिति रही होगी। उस समय में क्या जिम्मेदारी रही होगी राष्ट्रीय नेतृत्व पर और संत समाज पर। अनेक संत उस समय में भी मेरा काम नहीं है, मैं तो आध्यात्मिक चेतना में लगूं ऐसे बहुत संतो ने भी अपने भूमिका में व्यक्त किया होगा। लेकिन इस पीठ की परंपरा रही है कि समाज जब-जब विपत्ति में रहा है समाज को जागृत करते हुए खड़ा करने का यह काम पूज्य दिग्विजय नाथ जी ने किया। इतने में सीमित नहीं रहा है, भविष्य की पीढ़ी को भी तैयार करना। आखिर आजादी तो मिलना ही है, आजादी को तो हासिल करना ही है,

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ठीक एक साल पहले सीडीएस श्री बिपिन रावत जी का यहां पर आगमन हुआ था। आज उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए मन भर आया। उनका एक भाषण पढ़ रहा था कि सेना में ज्वाइन करना एक नौकरी नहीं है। बल्कि उसका मकसद खुद को देश के लिए समर्पित करना है।

 

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