अगली बैठक में भी मौद्रिक नीति समिति रेपो रेट में और कटौती पर कर सकती है विचार: रिजर्व बैंक

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(DJ)

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि बैंक की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) रेपो रेट में और कटौती पर विचार करती रहेगी। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के इस चरण में यह नहीं कहा जा सकता कि रेपो रेट की न्यूनतम सीमा क्या हो जहां से इसे और नहीं घटाया जा सकता है। अगली बैठक में एमपीसी ही यह तय करेगी कि रेपो रेट घटाया जाना चाहिए या नहीं। लेकिन इतना तय है कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए आरबीआइ रेपो रेट में कटौती की अपनी सोच पर आगे बढ़ता रहेगा।

दास से पूछा गया था कि आरबीआइ रेपो रेट को पांच या 4.75 परसेंट तक लाया जा सकता है या नहीं, जो इसका सर्वकालिक निचला स्तर है। उनसे सवाल किया गया था कि क्या मौजूदा वक्त में आरबीआइ रेपो रेट को उससे भी नीचे ला सकता है। इसके जवाब में दास ने कहा कि नीतिगत ब्याज दर (रेपो रेट) का निचला स्तर क्या हो, अभी हमने यह तय नहीं किया है। हम सिर्फ यह कहना चाहते हैं कि जब तक जीडीपी विकास दर की हालत वर्तमान जैसी रहती है और इसे गति देने की जरूरत दिखती है, तब तक हम रेपो रेट में कटौती का रास्ता खुला रखेंगे। इसलिए आप यह अनुमान नहीं लगा सकते कि रेपो रेट में कटौती की सीमा क्या होगी।

गौरतलब है कि आरबीआइ ने पिछले हफ्ते रेपो रेट में 25 आधार अंकों की और कटौती की थी। उसके बाद मौजूदा रेपो रेट 5.15 परसेंट रह गया है, जो मार्च, 2010 के बाद रेपो रेट का निचला स्तर है। विशेषज्ञों का मानना है कि दिसंबर में एमपीसी की इस वर्ष की आखिरी बैठक में रेपो रेट में और कटौती की गुंजाइश बन रही है और वह घटकर पांच फीसद के नीचे रह सकता है।

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