(DJ)
विधान सभा में गुरुवार को समाजवादी पार्टी ने मेरठ में भीड़ हिंसा (मॉब लिंचिंग) का विरोध करते लोगों पर पुलिस द्वारा लाठी बरसाने और मुकदमे दर्ज करने पर हंगामा किया। सपाइयों का कहना था कि फर्जी मुकदमे वापस लिए जाएं और इस मुद्दे पर सदन में चर्चा कराई जाए। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने हिंसा करने व अराजकता फैलाने वालों पर कोई नरमी न बरतने की बात कही और निर्दोषों का उत्पीड़न नहीं करने का भरोसा भी दिलाया। अधिष्ठाता वीरेंद्र सिरोही ने चर्चा कराने से इंकार किया तो सपा सदस्य सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए सदन से वॉकआउट कर गए।
सपा के रफीक अंसारी ने मॉब लिंचिंग का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि झारखंड में हुई भीड़ की हिंसा के विरोध में शांति पूर्वक हो रहा था। पुलिस ने बेवजह उनको घेर कर लाठियों से पीटा। किसी का हाथ टूटा तो किसी के पैर में गंभीर चोटें आईं। ऐसा जुल्म तो अंग्रेजों के समय में भी नहीं हुआ था। क्या यह दिन देखने के लिए देश को आजाद कराया था? उन्होंने सरकार पर तंज करते हुए कई शेर भी पढ़े…’सितमगर तुझसे उम्मीदें वफा होगी जिसे होगी, अब तो जालिम तुझे देखना है तू कहां तक है…।’ उन्होंने भाजपा के एक स्थानीय नेता पर पुलिस से मिलकर लोगों को परेशान करने का आरोप लगाया। कहा कि मेरठ का वातावरण बिगाड़ने की साजिश रचने वालों को जांच कर बेनकाब किया जाए।