(DJ)
एक बार में तीन तलाक पर गैर-कानूनी ठहराने संबंधी नया विधायक शुक्रवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 फरवरी में जारी किए गए अध्यादेश का स्थान लेगा। पूर्व की राजग सरकार ने यह अध्यादेश जारी किया था। मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में तीन तलाक पर विधेयक पेश किया था। यह विधेयक लोकसभा में पास हो गया था, लेकिन राज्यसभा में लंबित था। 16वीं लोकसभा की समाप्ति के साथ ही वह विधेयक भी खत्म हो गया था।
तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) को अपराध बनाने वाले इस विधेयक का विपक्षी दलों ने विरोध किया था। विपक्ष ने तीन तलाक देने पर पति को जेल की सजा के प्रावधान पर आपत्ति जताई थी। नए बिल में वही बातें हैं जो अध्यादेश में थीं। नए बिल में भी एक बार में तीन तलाक को अवैध, शून्य और अपराध बनाया गया है और इसमें पति के लिए तीन साल कैद की सजा का प्रावधान है। हालांकि, सरकार ने इसके दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ उपाय भी जोड़े हैं।