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केंद्र सरकार संसदीय चुनाव के साथ ही जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने पर सहमत है। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में कहा कि यदि चुनाव आयोग आम चुनाव के साथ राज्य विधानसभा चुनाव कराने का प्रस्ताव लाता है तो केंद्र को कोई आपत्ति नहीं होगी। बृहस्पतिवार को सदन में जम्मू-कश्मीर पर लंबी चर्चा के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन संबंधी संकल्प पारित हो गया।
चर्चा के दौरान विपक्ष और सरकार ने हिंसाग्रस्त घाटी के मौजूदा नाजुक हालात के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराया। राजनाथ सिंह ने कहा कि पिछले चार साल में राज्य में रोजगार और आर्थिक गतिविधि में जबरदस्त इजाफा हुआ है। नगर निकाय और पंचायत चुनाव करा कर केंद्र ने पूरे देश के लिए निचले स्तर पर लोकतंत्र का ठोस मॉडल पेश किया।
गृहमंत्री ने कहा कि यह भ्रांति है कि केंद्र सरकार हुर्रियत कांफ्रेंस से बात नहीं करना चाहती। केंद्र ने जब-जब बात करने की पहल की हुर्रियत ने अपने दरवाजे बंद कर लिए। राजनाथ ने सभी दलों से कश्मीर के समाधान के लिए राय मांगी है। उन्होंने सदन को भरोसा दिया कि वह कश्मीर पर किसी भी तर्कसंगत राय पर अमल करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कश्मीर में इंसान और इंसानियत की जरूरत है न कि तुष्टीकरण की राजनीति की।