काशी को बड़ी सौगात: पीएम नरेंद्र मोदी ने किया रिंग रोड का उद्घाटन

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(Hindustan)

सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने 4 लेन वाले रिंग रोड का उद्घाटन किया। इस रिंग रोड की योजना 17 साल पहले बनी थी लेकिन 2004 में सरकार बदलते ही यह योजना ठंडी पड़ गई। 2014 में भाजपा सरकार वापस आने के बाद इस प्रोजक्ट का काम दोबारा शुरु हुआ और आज इस रिंग रोड का उद्घाटन हुआ। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने वाराणसी में देश की पहली कंटेनर कार्गो सेवा की शुरुआत रामनगर बंदरगाह से की। यह बंदरगाह गंगा नदी पर हल्दिया-वाराणसी जलपरिवहन सेवा के तहत बनाया गया है। इसके अलावा पीएम मोदी वाराणसी को 2400 करोड़ की परियोजनाओं का तोहफा देंगे।

जानिए इस रिंग रोड का इतिहास
वाराणसी में रोजाना लगने वाले जाम की समस्या एवं शहर के विस्तारीकरण को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2001 में भूतल परिवहन मंत्री रहे राजनाथ सिंह ने राजातालाब से अलीनगर के बीच 58 किमी रिंग रोड का प्रस्ताव बनवाया था। 17 साल पहले बनी इस योजना के पीछे यह सोच थी कि रिंग रोड बनने से पूर्वांचल के आसपास के जिलों से जाने वाले बड़े वाहन आसानी से गुजर सकेंगे। शहर का विस्तारीकरण भी तेजी से होगा। रिंग रोड के आसपास नए टाउनशिप विकसित होंगे और औद्योगिक एवं शिक्षण संस्थान खुलेंगे। मगर सरकार बदलते ही योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई। कारण, जमीन अधिग्रहण के लिए राज्य सरकार को मुआवजा राशि देनी थी। सरकार ने रुचि नहीं दिखाई। साल 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद योजना के क्रियान्वयन की पहल हुई। मंत्रालय ने बहुप्रतीक्षित रिंग रोड परियोजना की रिपोर्ट मांगी। एनएचएआई ने धूल फांक रही फाइल निकाली और रिपोर्ट केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को सौंपी। उसके बाद 2015 में मंत्रालय ने मुहर लगा दी। साढ़े तीन साल में परियोजना जमीन पर उतर आई।

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