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मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू ने कहा कि 2019 का लोकसभा चुनाव वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से कराया जाएगा। इससे किसी भी तरह का विवाद होने पर ईवीएम में पड़े वोटों की पर्ची के साथ मिलान हो सकेगा। उन्होंने विशेष संक्षिप्त मतदाता पुनरीक्षण कार्यक्रम को दो सप्ताह के लिए बढ़ाने के संकेत भी दिए। मुरादाबाद मंडल में मतदाता पुनरीक्षण कार्य की समीक्षा के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि भारत में चुनाव में ईवीएम तीन दशक से इस्तेमाल हो रही है। ईवीएम भारत की शान है और इसमें छेड़छाड़ की कोई गुंजाइश नहीं है। हालांकि, कुछ राजनीतिक दल मशीन में छेड़छाड़ का आरोप लगाते आए हैं।
उन्होंने कहा कि मतदान के बाद पीठासीन अधिकारी के मशीन का क्लोज बटन के बजाए गलती से क्लीयर बटन दबने और मशीन में किसी भी तरह की तकनीकी खराबी आने पर अब वोटों की गिनती को लेकर कोई आशंका नहीं रहेगी। उत्तर प्रदेश में 2019 का लोकसभा चुनाव वीवीपैट से लैस ईवीएम से होगा। कई राज्यों में इस मशीन से चुनाव कराए भी जा चुके हैं। इसमें मतदाता ने जिस प्रत्याशी को वोट डाला है उसका नाम और चुनाव चिन्ह छप जाता है। ईवीएम में लगे शीशे के एक स्क्रीन पर यह पर्ची सात सेकंड तक दिखती है। जरूरत पड़ने पर पर्ची निकाली भी जा सकती है।