(Hindustan)
राज्य में 40 लाख स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद शुरू हो गई है। प्रमुख सचिव ऊर्जा आलोक कुमार ने मंगलवार को इसकी शुरुआत की। सबसे अधिक स्मार्ट मीटर पूर्वांचल और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम क्षेत्र के जिलों में लगाए जाएंगे। यूपी पॉवर कारपोरेशन को स्मार्ट मीटरिंग परियोजना से लाइन हानियों के कम होने पर लगभग चार हजार करोड़ रुपये का फायदा होगा।
जुलाई 2018 में प्रयोग के तौर पर शुरू हुई यह परियोजना वर्ष 2020-21 में पूरी होगी। प्रमुख सचिव ने बताया कि 40 लाख स्मार्ट मीटरों के लगने से बिजली आपूर्ति एवं बिल वसूली की वर्तमान व्यवस्था में बदलाव आएगा। उपभोक्ता के मीटर की रीडिंग, ब्रेकडाउन का समय अंतराल और वोल्टेज प्रोफाइल बिना मानवीय हस्तक्षेप के आनलाइन मिल सकेगा। इससे उपभोक्ताओं को बिना किसी मीटर रीडर के हर महीने सही मीटर रीडिंग का बिल मिल सकेगा। इससे बिजली कंपनियों को उपभोक्ताओं को मिल रही बिजली आपूर्ति के अंतराल, ट्रिपिंग व वोल्टेज आदि की गुणवत्ता में सुधार करने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने बताया कि पावर कारपोरेशन के 40 लाख स्मार्ट मीटरिंग परियोजना के तहत प्रदेश के सभी वितरण निगमों ने उप्र नियामक आयोग में स्मार्ट मीटरिंग प्रोजेक्ट का रोलआउट प्लान भी पेश किया। मीटरों की सप्लाई का काम केंद्र की संस्था ईईएसएल कर रही है। इसके लिए अनुमानित व्यय लगभग 86 रुपये व जीएसटी प्रति मीटर के अनुसार पॉवर कारपोरेशन को ईईएसएल को देना होगा।