(Hindustan)
पेट्रोल-डीजल की रोजाना बढ़ती कीमतों के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने बुधवार को केंद्र सरकार से उचित निर्णय लेने को कहा है। हाईकोर्ट ने सरकार को याचिका को बतौर प्रतिवेदन स्वीकार करने और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए निर्णय लेने को कहा है। कार्यवाहक प्रमुख न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरि शंकर की पीठ ने यह आदेश दिल्ली की फैशन डिजाइनर पूजा महाजन की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर दिया है। याचिका में कहा गया है कि पेट्रोल और डीजल आवश्यक वस्तुएं हैं और दिल्ली हाईकोर्ट सरकार को इनकी उचित कीमत तय करने के निर्देश दे। मामले की सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार के पास शिकायत नहीं की है।
साथ ही पहली नजर में आवश्यक वस्तु अधिनियम को देखने से यह नहीं लगता कि केंद्र सरकार के लिए डीजल व पेट्रोल की कीमत तय करना अनिवार्य है। याचिकाकर्ता पूजा महाजन ने याचिका में डीजल व पेट्रोल की कीमतों में नियमित तौर पर बढ़ोतरी को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया है कि पेट्रोल व डीजल आवश्यक वस्तुएं हैं। उनकी बिक्री के लिए एक उचित मूल्य तय करने के लिए सरकार बाध्य है। इसके अलावा याचिकाकर्ता ने ईंधन मूल्य रोजना तय करने की मौजूदा प्रक्रिया को असंवैधानिक ठहराने की भी मांग की है। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ए. मैत्री ने पीठ को बताया कि सरकार अप्रत्यक्ष तौर पर ईंधन शुल्क को नियंत्रित कर रही है, क्योंकि इस साल कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान इनके मूल्य में कोई वृद्धि नहीं हुई थी।