(Hindustan)
जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन के बाद केंद्र सरकार अपनी सुरक्षा नीति को और कड़ी करेगी ताकि आतंकवाद विरोधी अभियान को और धार दिया जा सके। खासकर, दक्षिणी कश्मीर के चार जिले- शोपियां, कुलगाम, अनंतनाग और पुलवामा जो पिछले दो वर्षों से आतंकियों के गढ़ बन चुके हैं। ये बात पूरे मामले से वाकिफ एक अधिकारी ने बताई है।
मंगलवार को जम्मू-कश्मीर में पिछले 40 महीने से चल रही भाजपा-पीडीपी गठबंधन की सरकार का अंत हुआ और महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के बाद यहां राज्यपाल एनएन वोहरा की देखरेख में सीधे तौर पर केंद्र का राज्यपाल शासन लागू हो गया। विश्वास में कमी, कानून-व्यवस्था में कमी और अलगाववादियों के खिलाफ नरम नीति ये तीन शिकायतों ने महबूबा मुफ्ती की सरकार को गिरा दिया। केंद्र सरकार के एक करीबी नेता ने बताया कि इन तीनों शिकायतों की वजह से भाजपा ने पीडीपी से अपना नाता तोड़ा और राज्यपाल शासन लागू हो गया।
हालांकि 82 साल के राज्यपाल एनएन वोहरा का दूसरा कार्यकाल 27 जून को खत्म हो रहा है, लेकिन केंद्र ने अमरनाथ यात्रा को ध्यान में रखते हुए उनके कार्यकाल को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। दरअसल अमरनाथ यात्रा के दौरान गुफा तक का रास्ता दक्षिण कश्मीर के कई जिलों से होकर गुजरता है। अमरनाथ यात्रा 26 जून से शुरू होकर 26 अगस्त को खत्म हो जाएगा।