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केंद्र सरकार देश बदल रहा है के स्लोगन को चरितार्थ कर लोगों को इसका अहसास कराने के लिए सवा पांच लाख करोड़ से 25 हजार किमी सड़कों का जाल बिछाने जा रही है। देश की परिवहन व्यवस्था व व्यापार को गति देने के लिए सड़कों का निर्माण कराया जाएगा। राज्यों की आवश्यकता व जरूरत को समझने के लिए वित्त विभाग विभिन्न शहरों में संवाद कर रहा है। जून में मुंबई में 84 देशों के सम्मेलन में भारत एशियन बैंक से बड़ा अनुदान ले सकेगा। स्थानीय निकाय भी इस बैंक को अपनी कार्ययोजना सौंपकर कर्ज ले सकेंगे।
वित्त मंत्रालय सरकार के अन्य मंत्रालयों तथा विकासशील देशों की शोध एवं सूचना प्रणाली संस्था आरआइएस के साथ मिलकर देश के विकास की नब्ज टटोल रहा है। अहमदाबाद में शहरी विकास तकनीकी समाधान और प्रशासनिक चुनौती पर दो दिवसीय परिसंवाद किया गया, जिसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री वाईके अलघ ने कहा कि देश के बडे़ शहरों के साथ गांव व सेमी अरबन इलाकों में भी बुनियादी ढांचा पर ध्यान देना होगा ताकि लोग स्वरोजगार के जरिये अच्छी आमदनी कर सकें। उनका मानना है कि बड़ी परियोजनाओं के लिए वर्ल्ड बैंक आदि से मंजूरी लेनी पड़ती है जिससे देरी होती है। छोटे शहरों के लोगों की जरूरत के मुताबिक विकास कार्य करने होंगे ताकि वे अपनी सेवा व उत्पाद का लाभ देश को दे सकें।