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अंरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) ने रविवार को कहा कि भारत नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के बाद पैदा हुई मुश्किलों से तेजी से उबरता नजर आ रहा है। हालांकि, संस्था ने शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सुधार की गति को धीमा बताया है। उसने यह भी कहा है कि देश में बैंकिंग और वित्तीय तंत्र को सुधारने के लिए किए जा रहे प्रयास में सुधार की काफी गुंजाइश है।
सोमवार को भारत आ रहे आइएमएफ के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर ताओ ङोंग ने कहा, ‘हालांकि नोटबंदी और जीएसटी लागू होने जैसी घटनाओं ने विकास की गति धीमी की। लेकिन पिछली तिमाही में 7.2 फीसद विकास दर के साथ भारत ने दुनिया की सबसे तेज गति से विकासशील अर्थव्यवस्था का तमगा वापस हासिल कर लिया है।’ उन्होंने माना कि भारत में दैनिक लेनदेन में नकदी की बड़ी भूमिका होने के चलते नोटबंदी से थोड़े समय तक कारोबार संबंधी दिक्कतें पेश आना बेहद स्वाभाविक था। उसी तरह जीएसटी में तकनीकी दिक्कतों ने शुरुआती दिनों में कारोबारियों को परेशानी में डाला। लेकिन अब अर्थव्यवस्था उन बाधाओं को पार कर वापस पटरी पर लौट गई लगती है।