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कहा जाता है कि भाजपा का हर कदम राजनीतिक और रणनीतिक रूप से सधा होता है और इसी महीने होने वाले राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों के चयन में यह फिर से सही हुआ। सोमवार को नामांकन खत्म होने के महज 20 घंटे पहले जारी सूची में पार्टी ने हर उस राज्य की राजनीति को साधा जो अहम हैं। रविवार की देर शाम जारी 18 उम्मीदवारों की सूची में उत्तर प्रदेश के थोड़े बड़बोले सहयोगी ओमप्रकाश राजभर को भी संदेश दिया गया और आंध्र प्रदेश के नाराज सहयोगी टीडीपी को भी और चुनाव में जा रहे कर्नाटक को भी।
23 मार्च को होने वाले चुनाव चुनाव के लिए भाजपा ने नौ नामों की घोषणा पहले ही कर दी थी जिसमें आठ मंत्री और एक महामंत्री भूपेंद्र यादव शामिल थे। सबसे ज्यादा निगाहें उत्तर प्रदेश पर टिकी थी जहां से पार्टी को आठ सीटें मिलने वाली है। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली का नाम पहले ही घोषित हो गया था। जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए श्रीमति कांता करदम, सकलदीप राजभर, पुराने कार्यकर्ता हरनाथ सिंह यादव, ब्राह्मण कोटे से अशोक वाजपेयी, उत्तर प्रदेश से ही आने वाले शाह कैबिनेट के महामंत्री अनिल जैन, विजयपाल सिंह तोमर और प्रवक्ता जीवीएल नरसिंहाराव को नामित किया गया है।