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उद्योग जगत की संस्था एसोचैम ने सरकार से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के लिए खातों को आधार से जोड़ने की समय-सीमा में ढील देने की मांग की है। संस्था का कहना है कि पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाला सामने आने के बाद बैंकों पर उनका मुख्य कारोबार सुरक्षित करने की प्राथमिकता सामने आई है। ऐसे में सार्वजनिक बैंकों पर अन्य कामों के लिए मानव संसाधन के अभाव का जबर्दस्त दबाव है, लिहाजा बैंकों को खातों की आधार सीडिंग के लिए थोड़ी और मोहलत दी जानी चाहिए।
संस्था ने यह भी कहा कि देश अब जाकर नोटबंदी के असर से मुक्त हो पाया है और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कई तरह की उलझनें अभी बाकी हैं। ऐसे में आधार से नहीं जुड़े खाते 31 मार्च के बाद बंद कर देने के सरकार के फैसले का बोझ कारोबारी जगत झेल नहीं पाएगा। सरकार ने बैंक खातों को आधार से जोड़ने के लिए इस वर्ष 31 मार्च की समय-सीमा तय कर रखी है।
एक बयान में एसोचैम ने कहा, “बैंकों, खास तौर पर सार्वजनिक बैंकों के लिए 31 मार्च तक सभी खातों को आधार से जोड़ पाना बेहद मुश्किल कार्य होगा। ऐसे में इस तिथि को आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है। पंजाब नेशनल बैंक का घोटाला सामने आने के बाद बैंकों के सामने अपने प्राथमिक कारोबार की रक्षा करने की चुनौती है और उनके मानव संसाधन का बड़ा हिस्सा इसी काम में लगा हुआ है।” संस्था ने यह भी कहा कि जिन्होंने खातों की आधार सीडिंग करा भी ली है, उनमें से भी कई लोगों को केवाईसी के रिमाइंडर भेजे जा रहे हैं।