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संयुक्त राष्ट्र में बृहस्पतिवार को भारत ने कुछ सदस्यों पर निशाना साधते हुए कह कि वे सतही राजनीति और रणनीति आतंकवाद के खतरे को समझने में नाकाम हो रहे हैं। भारत का निशाना स्पष्ट रूप से चीन और पाकिस्तान की ओर था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, आतंकी नेटवर्क सीमा पार से काम करते हैं। नफरत की विचारधारा फैलाने के लिए धन जुटाते हैं, हथियार खरीदते हैं और समूह के लिए काम करने वालों की भर्ती करते हैं।
अकबरुद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की समकालीन चुनौतियों पर हुई खुली चर्चा के दौरान ये बात की। उन्होंने कहा, आतंकवाद एक साझा चुनौती है, जिस पर परिषद को विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। यह हमारे समान हितों के लिए एक ऐसी चुनौती है, जिससे निपटने के लिए करीबी अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की जरूरत है। पर कई राज्य और समाज इस खतरे को समझ नहीं रहे हैं। यहां तक की परिषद में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भी सहयोग नहीं होता है।