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केंद्र सरकार ने एक बार में तीन तलाक पर रोक लगाने के लिए मसौदा बिल तैयार कर लिया है, जिसके तहत तीन तलाक देना अवैध और अमान्य होगा। ऐसा करने पर पति को तीन साल की जेल और जुर्माना भी हो सकता है। तीन तलाक देना गैर जमानती और संज्ञेय अपराध होगा।
इस अपराध के लिए कितना जुर्माना लगेगा यह मजिस्ट्रेट तय करेंगे। सरकार यह कदम सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद तीन तलाक देने के मामलों को देखते हुए उठा रही है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विधेयक का नाम मुस्लिम वुमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल है।
मसौदा बिल को राय के लिए राज्य सरकारों को शुक्रवार को भेजा गया है। राज्यों को तत्काल अपना जवाब देने को कहा गया है। राज्यों की राय मिलने के बाद कानून मंत्रालय मसौदे को मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने पेश करेगा। सूत्रों का कहना है कि सरकार इस बिल को 15 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में पेश कर सकती है।