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संसद का शीतकालीन सत्र गुजरात विधानसभा चुनाव के बाद 15 दिसंबर से 5 जनवरी तक होगा। बुधवार को हुई कैबिनेट की राजनीतिक मामलों की समिति की बैठक में इस आशय का फैसला लिया गया। आमतौर पर नवंबर के दूसरे हफ्ते में शुरू होने वाले इस सत्र को बुलाने में हो रही देरी पर सरकार और विपक्ष के बीच बीते एक हफ्ते से जुबानी जंग चल रही थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शीत सत्र की तारीख की जानकारी देते हुए कहा कि चुनाव के कारण इसे आहूत करने में समय लगा।
कांग्रेस के सरकार पर संसद में चर्चा से भागने संबंधी आरोपों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि पहले भी चुनाव सहित अन्य कारणों से सत्र बुलाने में देरी हुई है। गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा के लिए दो चरणों के तहत 9 और 14 दिसंबर को मतदान होना है।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा था कि सरकार संसद में विपक्ष का सामना करने से बचना चाह रही है। जबकि लोकसभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे पीएम मोदी की तुलना ब्रह्मा से की थी। उन्होंने कहा था कि मोदी ब्रह्मा हैं, वही रचयिता है और सिर्फ वही बता सकते हैं कि शीत सत्र कब से शुरू होगा।