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सरकार ने बुधवार को अपने बड़े पूंजीगत निवेश की योजना से दलाल स्ट्रीट को हैरान कर दिया। डेटा के मुताबिक सरकारी बैंकों को मिले 2.11 लाख करोड़ रुपए में से 48 फीसद हिस्से के कारण सरकारी क्षेत्र के बैंकों की बाजार हिस्सेदारी में इजाफा देखने को मिला है। आरबीआई गवर्नर ने भी सरकार के इस फैसले को सराहा है। पूंजीगत निवेश का यह हिस्सा सरकारी बैंकों की मौजूदा पूंजी के 30 फीसद हिस्से से ज्यादा का रहा और यह कुल स्ट्रेस्ड एसेट्स के 25 फीसद हिस्से से ज्यादा है। बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 40 फीसद तक का उछाल देखने को मिला है। ब्रोकरेज का मानना है कि यह कदम एक लंबी अवधि वाली प्रक्रिया है और इससे इस क्षेत्र की फिर से रेटिंग में मदद मिलेगी।
मार्केट कैप में हुई बढ़ोतरी: इसके साथ ही सरकारी बैंकों की मार्केट कैप में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखी गई है। भारतीय शेयर बाजार में कुल 22 सरकारी बैंक लिस्टेड हैं जिनकी मार्केट कैप कुल मिलाकर 1.10 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की मार्केट कैप 61 हजार करोड़ रुपये, पंजाब नेशनल बैंक की 14 हजार करोड़ रुपये और बैंक ऑफ बड़ौदा की 10 हजार करोड़ रुपये बढ़ी है।
क्या बोले उर्जित पटेल: आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने आधिकारिक बयान में सरकार के उस कदम को जिसे सरकारी बैंकों के आर्थिक हालात सुधारने की दिशा में निर्णायक पैकेज कहा जा रहा है के बारे में कहा कि यह देश के आर्थिक भविष्य की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा, “बीते एक दशक में पहली बार हमारे पास अपने पुराने नीतिगत फैसलों को व्यापक और सुसंगत बनाने का मौका है।”