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शराब कारोबारी विजय माल्या ने शुक्रवार को कहा कि वह 9,000 करोड़ रुपये के ऋण चूक मामले में एक—मुश्त निपटान को लेकर बैंकों के साथ बातचीत करने को तैयार हैं।माल्या ने टिवटर पर कहा, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की एक बारगी निपटान के लिये नीतियां हैं। सैकड़ों कर्जदारों ने अपने ऋण का निपटान किया है। आखिर हमें इसकी सुविधा से इनकार क्यों किया जाना चाहिए। हमने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष जो पेशकश की थी, उसे बैंकों ने बिना विचारे खारिज कर दिया। मैं निष्पक्ष आधार पर मामले के निपटान के लिये बातचीत को तैयार हूं।
उन्होंने आगे कहा, उम्मीद है कि न्यायालय हस्तक्षेप करेगा और बैंकों तथा हमें मामले का निपटान करने के लिये बातचीत का निर्देश देकर इन चीजों पर विराम लगाएगा।माल्या ने यह भी कहा, उन्होंने अदालत के हर आदेश का पालन किया और अब ऐसा लगता है कि सरकार बिना निष्पक्ष सुनवाई के उनको दोषी ठहराने पर तुली है।उन्होंने लिखा है, सुप्रीम कोर्ट में महान्यायवादी द्वारा उनके खिलाफ आरोप सरकार का उनके खिलाफ रूख को साबित करता है।माल्या के ऊपर विभिन्न बैंकों का 9,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है।