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30,000 प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को बंद किए जाने के बावजूद केवल 692 इकाइयों की ही बिजली आपूर्ति काटे जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है। जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने राज्य सरकार द्वारा आवासीय और गैर-अनुरूप क्षेत्रों में प्रदूषणकारी इलाकों के खिलाफ कार्रवाई में लापरवाही करने पर सख्त ऐतराज जताया। इस मामले की अगली सुनवाई एक अप्रैल को होगी।
दिल्ली सरकार ने पिछले महीने कोर्ट को बताया था कि उसने दिल्ली में 30,000 प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को बंद कर दिया और इनकी बिजली आपूर्ति भी चार हफ्ते के अंदर रोक दी जाएगी लेकिन कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले एक महीने में केवल 692 इकाइयों की बिजली आपूर्ति बंद की गई है। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि राज्य सरकार को इसका जवाब देना चाहिए कि 30000 औद्योगिक इकाइयों में से मात्र 692 के खिलाफ ही क्यों कार्रवाई हुई। इस बारे में दिल्ली सरकार के प्रधान सचिव और औद्योगिक आयुक्त हलफनामा दाखिल करें।