(Hindustan)
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बगैर गठबन्धन किए चुनाव लड़ कर सत्ता में पहुंच चुकी कांग्रेस उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भी 2019 लोकसभा चुनाव (2019 Lok Sabha Elections) अकेले चुनाव लड़ सकती है। अलबत्ता पार्टी यूपी में गठबन्धन को लेकर किसी तरह के ‘वाक् युद्ध’ से बचना चाहती है और इसी तरह की हिदायत पार्टी ने अपने नेताओं को दी है।
अभी तक लोकसभा चुनाव को लेकर सपा-बसपा के संभावित गठबन्धन को लेकर जो कयासबाजी चल रही है उसमें कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली सीट छोड़ने की बात कही जा रही है। समाजवादी पार्टी लंबे समय से कांग्रेस के लिए ये सीट छोड़ती रही है। वहीं, कांग्रेस ने अपने दिग्गज नेताओं समेत करीब ढाई दर्जन लोगों से कई महीने पहले ही चुनाव लड़ने की तैयारी करने के लिए कह दिया था। इसके पीछे पार्टी की यह सोच बताते हैं कि गठबन्धन न होने की स्थिति में भी पार्टी चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहे।
हालांकि कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर वृहद विपक्षी एकता के बड़े लक्ष्य के मद्देनजर गठबन्धन को लेकर किसी तरह की कड़ुवाहट नहीं आने देना चाहती। फिलहाल सपा-बसपा नेताओं की ओर से भी कुछ इसी तरह की कोशिश दिख रही है। बीते दिनों से छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश में कांग्रेस से गठबंधन न होने के बावजूद बसपा अध्यक्ष मायावती ने कांग्रेस के प्रदेशीय नेताओं को इसके लिए भले ही जिम्मेदार ठहराया था लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर कोई टिप्पणी नहीं की थी।