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सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को अयोध्या मामले पर सुनवाई करेगी। पांच सदस्यीय नई संविधान पीठ पहली बार इस मुद्दे की सुनवाई करेगी। पीठ में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल हैं। जस्टिस यूयू ललित के 10 जनवरी को सुनवाई से अलग होने के बाद नई पीठ का गठन किया गया है। यह मामला वर्ष 2010 से लंबित है। भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने सोमवार को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष कहा कि अयोध्या में विवादित स्थल पर पूजा करना लोगों का मूल अधिकार है। इस पर पीठ ने उनसे मंगलवार को होनी वाली सुनवाई के दौरान मौजूद रहने को कहा। स्वामी ने याचिका दायर पर विवादित स्थल पर पूजा करने की इजाजत मांगी है। 10 जनवरी को चीफ जस्टिस ने रजिस्ट्री को 15 बक्सों में रखे दस्तावेज को निरीक्षण कर व्यवस्थित करने के लिए कहा था ताकि सुनवाई शुरू हो सके। चीफ जस्टिस ने पाया था कि इस मामले में चार सूट में 122 मसले हैं, 88 गवाहों का परीक्षण किया गया और उनकी गवाही 13886 पेज में है।