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हिमाचल प्रदेश में मिड हिमालय वाटरशैड की जगह अस्तित्व में आया एकीकृत विकास प्रोजेक्ट (आइडीपी) अब बंद नहीं होगा। विश्व बैंक ने इस प्रोजेक्ट को स्वीकृति देने के लिए हामी भर दी है। इस संबंध में वन विभाग और सरकार के प्रयास रंग लाए पर इसकी मार वन समृद्धि प्रोजेक्ट पर पड़ी है। यह प्रोजेक्ट बंद हो जाएगा।
हिमाचल के हिस्से विश्व बैंक ने दो में से एक प्रोजेक्ट पर कैंची चला दी है। यानी एक हाथ से प्रोजेक्ट देकर दूसरे हाथ से वापस लेने का काम किया है। सात सौ करोड़ का प्रोजेक्ट बचाने के चक्कर में 300 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट गंवा दिया गया है। सात सौ करोड़ का आइडी प्रोजेक्ट स्वीकृत हो गया मगर वन समृद्धि प्रोजेक्ट बंद होगा। हिमालयन वाटरशैड प्रोजेक्ट वर्ष 2017 में पूरा हो गया था। इसे विश्व बैंक के माध्यम से वित्त पोषित किया गया। इसकी जगह आइडीपी का खाका तैयार किया। इसकी सैद्धांतिक स्वीकृति भी हो गई। इस बीच वन समृद्धि प्रोजेक्ट तैयार किया गया। यह प्रोजेक्ट करीब 300 करोड़ रुपये का प्रस्तावित था। दोनों में उलझन पैदा हो गई। इन प्रोजेक्टों पर संकट के बादल मंडराने लगे। इस कारण प्रदेश के वन विभाग से जुड़े अधिकारियों ने नई दिल्ली दौड़ लगाई। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्तर के अधिकारियों ने विश्व बैंक के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की। वन मंत्री गोविंद ठाकुर ने भी केंद्र में पक्ष प्रमुखता से रखा था।