सेलेक्ट कमेटी को भेजा गया नेशनल मेडिकल कमिशन बिल, डॉक्टरों ने वापस ली हड़ताल

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(Hindustan)

नेशनल मेडिकल कमिशन बिल सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने के बाद डॉक्‍टरों ने हड़ताल वापस ले ली है। गौरतलब है कि नेशनल मेडिकल बिल बनाने के सरकार के नए प्रस्ताव के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े देश के 3 लाख से अधिक डॉक्टर मंगलवार को हड़ताल पर थे।

हड़ताल के चलते यूपी के तमाम जिलों में, उत्तराखंड, बंगाल, दिल्ली, नोएडा, केरल, मुंबई में भी अधिकतर अस्पतालों की ओपीडी बंद रही। मरीजों को वापस लौटना पड़ा। एम्स के बाहर भी मरीजों की लंबी लाइन नजर आई। डॉक्टरों ने अस्पतालों के बाहर नारेबाजी की।

नया विधेयक मेडिकल पेशे के लिए लाभकारी: नडडा        
देश भर में डाक्टरों की हड़ताल का मुद्दा  राज्यसभा में उठा और इस पर सरकार ने कहा कि भारतीय चिकित्सा परिषद के स्थान पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के गठन के प्रावधान वाला विधेयक मेडिकल पेशे के लिए लाभकारी है।

उच्च सदन में शून्यकाल के दौरान सपा के नरेश अग्रवाल ने नए विधेयक के विरोध में डाक्टरों की हड़ताल का मुद्दा उठाया। अग्रवाल ने आरोप लगाया कि सरकार डाक्टरों की चुनी गयी संस्था को समाप्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि हड़ताल के कारण कई मरीजों की मौत हो गयी। नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हड़ताल समाप्त करने के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए।

क्या है इस बिल में
पहले प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 15 फीसदी सीटों की फीस मैनेजमेंट तय करती थी, लेकिन अब नए बिल के मुताबिक मैनेजमेंट 60 फीसदी सीटों की फीसद तय कर पाएगा।

इस बिल में अल्टरनेटिव मेडिसिन (होम्योपैथी, आयुर्वेद, यूनानी) की प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों के लिए एक ब्रिज कोर्स का प्रप्रोजल है। इसे करने के बाद वे मॉडर्न मेडिसिन की प्रैक्टिस भी कर सकेंगे। आईएमए के पूर्व प्रेसिडेंट केके अग्रवाल के मुताबिक, इस बिल में ऐसे प्रावधान हैं जिससे आयुष डॉक्टर्स को भी मॉडर्न मेडिसिन प्रैक्टिस करने की अनुमति मिल जाएगी। जबकि, इसके लिए कम-से-कम एमबीबीएस क्वालिफिकेशन होनी चाहिए। इससे नीम-हकीमी करने वाले भी डॉक्टर बन जाएंगे।

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